आज के समय में ज्यादातर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। चाहे वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो, डिप्लोमा कोर्स हो या फिर यूनिवर्सिटी एजुकेशन - सभी जगह CGPA (Cumulative Grade Point Average) सिस्टम को अपनाया जा रहा है। इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि CGPA कैसे निकालते हैं, SGPA से CGPA कैसे कैलकुलेट करते हैं, और साथ ही हम आपको एक फ्री CGPA कैलकुलेटर टूल भी प्रोवाइड करेंगे जिससे आप आसानी से अपना CGPA निकाल सकते हैं।
CGPA का पूरा नाम है Cumulative Grade Point Average। यह एक प्रकार का ग्रेडिंग सिस्टम है जो छात्रों की एकेडमिक परफॉर्मेंस को मापता है। CGPA आपके सभी सेमेस्टर्स के SGPA (Semester Grade Point Average) का औसत होता है।
बहुत से छात्र CGPA और SGPA को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। आइए इनके बीच के मुख्य अंतर को समझते हैं:
पैरामीटर | SGPA | CGPA |
---|---|---|
पूरा नाम | Semester Grade Point Average | Cumulative Grade Point Average |
कवरेज | सिर्फ एक सेमेस्टर | सभी सेमेस्टर्स का कुल औसत |
कैलकुलेशन | एक सेमेस्टर के सभी विषयों के ग्रेड प्वाइंट्स का औसत | सभी सेमेस्टर्स के SGPA का औसत |
महत्व | सेमेस्टर विशेष का प्रदर्शन दिखाता है | पूरी पढ़ाई के दौरान का समग्र प्रदर्शन |
CGPA कैलकुलेट करने का बेसिक फॉर्मूला बहुत सरल है:
CGPA = (सभी सेमेस्टर्स के SGPA का योग) / (सेमेस्टर्स की कुल संख्या)
मान लीजिए किसी छात्र ने 8 सेमेस्टर की इंजीनियरिंग पूरी की है और उसके SGPA निम्नलिखित हैं:
CGPA कैलकुलेशन:
सभी SGPA का योग = 7.5 + 8.0 + 7.8 + 8.2 + 8.5 + 8.0 + 8.3 + 8.6 = 64.9
सेमेस्टर्स की संख्या = 8
CGPA = 64.9 / 8 = 8.11
अगर आपके पास सभी सेमेस्टर्स के SGPA उपलब्ध हैं, तो आप आसानी से CGPA निकाल सकते हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
मान लीजिए:
कैलकुलेशन:
क्रेडिट वेटेड योग = (7.5×20) + (8.0×22) + (7.8×24) = 150 + 176 + 187.2 = 513.2
कुल क्रेडिट = 20 + 22 + 24 = 66
CGPA = 513.2 / 66 = 7.775
ज्यादातर भारतीय यूनिवर्सिटीज में CGPA को परसेंटेज में बदलने के लिए 9.5 का मल्टीप्लायर उपयोग किया जाता है:
परसेंटेज = CGPA × 9.5
अगर किसी छात्र का CGPA 8.4 है, तो:
परसेंटेज = 8.4 × 9.5 = 79.8%
नोट: हर यूनिवर्सिटी का अपना कन्वर्जन फॉर्मूला हो सकता है, इसलिए अपने इंस्टीट्यूट के नियमों को जरूर चेक करें।
मैनुअल कैलकुलेशन की जगह आप हमारे फ्री ऑनलाइन CGPA कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। यह टूल बिल्कुल फ्री है और इस्तेमाल में बेहद आसान है।
अलग-अलग कोर्सेज में CGPA कैलकुलेशन के कुछ विशेष पहलू हो सकते हैं:
इंजीनियरिंग कोर्सेज (B.Tech/BE) में आमतौर पर 8 सेमेस्टर्स होते हैं। CGPA निकालते समय:
डिप्लोमा कोर्सेज में आमतौर पर 6 सेमेस्टर्स होते हैं:
यूनिवर्सिटीज में ग्रेडिंग सिस्टम थोड़ा अलग हो सकता है:
ज्यादातर भारतीय संस्थानों में CGPA 10 पॉइंट स्केल पर होता है, इसलिए यह 10 से अधिक नहीं हो सकता। हालांकि, कुछ इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज में अलग स्केल (जैसे 4 पॉइंट) का उपयोग होता है।
बैकलॉग क्लियर करने के बाद प्राप्त SGPA को ही CGPA कैलकुलेशन में शामिल करना चाहिए। क्लियर होने से पहले के ग्रेड्स को नहीं गिना जाता।
जी नहीं, प्रत्येक विषय का क्रेडिट वेटेज अलग हो सकता है। ज्यादा क्रेडिट वाले विषयों का CGPA पर अधिक प्रभाव पड़ता है।
मेजर विषयों (कोर सब्जेक्ट्स) का वेटेज आमतौर पर अधिक होता है, जबकि माइनर विषयों (इलेक्टिव्स) का कम प्रभाव होता है।
आमतौर पर नहीं, CGPA सिर्फ एकेडमिक परफॉर्मेंस को मापता है। हालांकि, कुछ संस्थानों में NCC, स्पोर्ट्स आदि के लिए अलग क्रेडिट दिए जाते हैं।
हमारी वेबसाइट पर आप निम्नलिखित फ्री टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं:
इस आर्टिकल में हमने विस्तार से जाना कि CGPA कैसे निकालते हैं और इससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा। CGPA कैलकुलेशन वास्तव में बहुत सरल है अगर आप बेसिक फॉर्मूले और स्टेप्स को समझ लें। हमारा सुझाव है कि आप अपने CGPA की गणना के लिए हमारे फ्री ऑनलाइन CGPA कैलकुलेटर का उपयोग करें जो आपका समय बचाएगा और सटीक परिणाम देगा।
अगर आपके कोई और सवाल हैं CGPA को लेकर, तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। पढ़ाई में सफलता के लिए शुभकामनाएँ!